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Flexibility Workout Exercises: जानिए कैसे अपने शरीर को लचीला और एक्टिव बनाएं!

Vishalakshi Panthi

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Published on : 19-Aug-2024

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Flexibility Workout Exercises: जानिए कैसे अपने शरीर को लचीला और एक्टिव बनाएं!

क्या आप अपने शरीर को फ्लेक्सिबल बनाना चाहते हैं? अपने फिटनेस रूटीन में फ्लेक्सिबिलिटी वर्कआउट को शामिल करने से आपका पोस्चर बेहतर हो सकता है। फ्लेक्सिबिलिटी वर्कआउट से मसल्स और जॉइंट्स में मोशन की रेंज में सुधार करने और रोज़मर्रा की गतिविधियों के लिए शरीर को फ्लेक्सिबल और एक्टिव बनाने में मदद मिलती है। साथ ही मसल इंबैलेंस को रोका जा सकता है जिससे एथलेटिक परफॉर्मेंस बेहतर होती है।

 

नियमित स्ट्रेचिंग मांसपेशियों के दर्द से राहत पाने, मसल रिकवरी के लिए और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने के लिए उपयुक्त है। चाहे आप एक एथलीट हों या बॉडी को फिट रखने के लिए एक्टिव रहना चाहते हों, फ्लेक्सिबिलिटी वर्कआउट को अपने वर्कआउट रूटीन में शामिल करने से आपकी फिटनेस बेहतर होगी। फ्लेक्सिबिलिटी वर्कआउट के बारे में जानने के लिए ब्लॉग को पूरा पढ़ें।

 

विषय सूची

  1. शरीर में फ्लेक्सिबिलिटी लाने के लिए बेस्ट वर्कआउट क्या है?
  2. फ्लेक्सिबिलिटी ट्रेनिंग के उदाहरण 
  3. निष्कर्ष
  4. सामान्य प्रश्न
  5. संदर्भ

 

शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी के लिए बेस्ट वर्कआउट क्या है?

आपकी फ्लेक्सिबिलिटी और फिटनेस में सुधार के लिए वर्कआउट करना बहुत ज़रूरी है। यहां कुछ बेहतरीन वर्कआउट दिए गए हैं जिन्हें घर पर आसानी से किया जा सकता है और मसल इलास्टिसिटी बढ़ाने में मदद मिल सकती है:

एक्टिविटी

एक्सरसाइज़

समय/रैप्स

लाभ

वॉर्म-अप

जॉगिंग, जंपिंग जैक या वाकिंग

5-10 मिनट

हार्ट रेट बढ़ाता है, मांसपेशियों को एक्टिव करता है, ब्लड फ्लो में सुधार करता है।

डायनामिक स्ट्रेचिंग

लेग स्विंग (फॉर्वर्ड और साइड में)

10-15 रैप्स

मसल्स को एक्टिव रखता है और मोशन की रेंज में सुधार करता है।

आर्म सर्कल्स (छोटे से बड़े सर्कल्स)

हर दिशा में 10-15 रैप्स

कंधे की फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाता है, कंधे के जॉइंट्स को गर्म करता है।

टोर्सो ट्विस्ट्स

15-20 रैप्स

रीढ़ की हड्डी को लूज़ करता है, रोटेशनल फ्लेक्सिबिलिटी में सुधार करता है।

स्टेटिक स्ट्रेचिंग

नेक स्ट्रेच (प्रत्येक कंधे की ओर झुकाएं)

20-30 सेकंड

गर्दन के तनाव को कम करता है और गर्दन की फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाता है।

शोल्डर स्ट्रेच 

पर साइड 20-30 सेकंड

शोल्डर स्ट्रेस से राहत मिलती है, कंधे की मोबिलिटी बढ़ती है।

ट्राइसेप्स स्ट्रेच (ओवरहेड)

पर साइड 20-30 सेकंड

ट्राइसेप्स को स्ट्रेच करता है, बांह के लचीलेपन में सुधार करता है।

हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच (सीटेड)

प्रति पैर 20-30 सेकंड

हैमस्ट्रिंग को लंबा करता है, लचीलेपन में सुधार करता है, लोअर बैक में दर्द को कम करता है।

योगासन

डाउनवर्ड डॉग

2-3 मिनट

पूरे शरीर को मज़बूत और स्ट्रेच करता है, पोस्चर में सुधार करता है।

कैट-काउ स्ट्रेच

2-3 मिनट

रीढ़ की हड्डी का लचीलापन बढ़ता है, पीठ का तनाव दूर होता है।

चाइल्ड पोज़

2-3 मिनट

पीठ, हिप्स और जांघों को स्ट्रेच करता है, बॉडी को रिलैक्स करता है।

कोबरा पोज़

2-3 मिनट

रीढ़ की हड्डी को मज़बूत करता है, चेस्ट और एबडोमन को स्ट्रेच करता है।

पिजन पोज़

पर साइड 2-3 मिनट

हिप्स मसल्स को फेल्क्सिबल करता है, लोअर बैक के दर्द से राहत मिलती है।

 

यह भी पढ़ें: Flexibility Workout Exercises क्यों है महत्वपूर्ण? जानिए स्ट्रेचिंग के फ़ायदे !

 

फ्लेक्सिबिलिटी ट्रेनिंग के उदाहरण
flexibility workout exercises-02.jpg

फ्लेक्सिबिलिटी ट्रेनिंग के कई वैज्ञानिक लाभ हैं जिससे आपके शरीर का लचीलापन बढ़ता है। यहां फ्लेक्सिबिलिटी ट्रेनिंग के तीन उदाहरण दिए गए हैं, जिन्हें आप ज़रूर जानना चाहेंगे:

 

1. योग

फ्लेक्सिबिलिटी वर्कआउट एक्सरसाइज़ेस में योग सबसे ज़्यादा अपनाई जाने वाली और बेस्ट ट्रेनिंग एक्टिविटीज़ में से एक है। यह शरीर के बैलेंस और स्ट्रेंथ में भी सुधार करता है। इस एंशिएंट प्रैक्टिस में गहरी सांस लेना भी शामिल है, जो मसल्स को इलास्टिसिटी और जॉइंट्स की गतिशीलता को बढ़ाने में मदद करता है। नियमित योग अभ्यास से प्रोप्रियोसेप्शन में सुधार हो सकता है, जो स्पेस में अपनी स्थिति और गति को महसूस करने की शरीर की क्षमता है। इससे कोआर्डिनेशन बेहतर होता है और चोट लगने का जोखिम कम रहता है।

 

फ्लेक्सिबिलिटी में सुधार के लिए कुछ योगासन हैं:

  • ब्रिज पोज़
  • चेयर पोज़
  • धनुरासन 
  • डाउनवर्ड डॉग पोज़
  • काउ फेस पोज़

 

यह भी पढ़ें: Yoga Poses for Flexibility Enhancement & Empower | ToneOpFIt

 

2. स्टेटिक स्ट्रेचिंग

फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने के लिए आप स्टेटिक स्ट्रेचिंग भी आज़मा सकते हैं, जिसमें लंबी अवधि (आमतौर पर 15-60 सेकंड) के लिए स्ट्रेचिंग भी शामिल है। इस प्रकार की स्ट्रेचिंग से मांसपेशियों की लंबाई बढ़ती है और मसल फाइबर व आसपास के कनेक्टिव टिशू को धीरे-धीरे लंबा करके गति की सीमा में सुधार होता है। रिसर्च से पता चलता है कि वर्कआउट से पहले स्टेटिक स्ट्रेच करने से लचीलेपन में सुधार आता है और मसल फर्मनेस कम होती है।

 

कुछ स्टेटिक स्ट्रेचिंग एक्सर्साइज़ेस जानिए:

  • चेस्ट स्ट्रेच
  • बाइसेप्स स्ट्रेच
  • हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच
  • ग्लूट स्ट्रेच

 

यह भी पढ़ें: वर्कआउट से पहले कौन से 7 वॉर्म अप व्यायाम करें? जानिए ये एक्सरसाइज़ आपके स्वास्थ्य को कैसे करेंगी प्रभावित !

 

3. डायनामिक स्ट्रेचिंग

इसमें रीच और स्पीड को धीरे-धीरे बढ़ाने के लिए शरीर के अंगों को नियंत्रित तरीके से मूव करना शामिल है। इस प्रकार की स्ट्रेचिंग मांसपेशियों के तापमान और इलास्टिसिटी को बढ़ाने में मदद करती है, जिससे मांसपेशियां ज़्यादा इंटेंस फिज़िकल एक्टिविटीज़ के लिए तैयार होती हैं।

 

डायनेमिक स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ जो आपकी मदद कर सकती हैं:

  • आर्म सर्कल्स
  • आर्म स्विंग
  • हाई-स्टेपिंग
  • हील-टू-टो वॉक
  • ट्विस्ट्स के साथ लंजेस करें

 

निष्कर्ष

बैलेंस्ड फिटनेस रूटीन के लिए फ्लेक्सिबिलिटी वर्कआउट बहुत ज़रूरी है। वे मसल्स और जॉइंट्स की मोबिलिटी को बढ़ाते हैं, इंजरी का खतरा कम करते हैं और एथलेटिक परफॉर्मेंस में सुधार करते हैं। स्टेटिक, डायनामिक और योग स्ट्रेच का मिश्रण सभी प्रमुख मसल ग्रुप्स को लक्षित करता है, पोस्चर को सुधारता है और मांसपेशियों के दर्द को कम करता है। नियमित फ्लेक्सिबिलिटी ट्रेनिंग से मोशन की रेंज बढ़ती है, मसल स्ट्रेस कम होता है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है।

 

सामान्य प्रश्न

1. फ्लेक्सिबिलिटी और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ क्यों महत्वपूर्ण हैं? 

फ्लेक्सिबिलिटी और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ कई लाभों के कारण बिगिनर्स के लिए महत्वपूर्ण हैं। 

  • इंजरी का खतरा कम होता है। 
  • मसल्स और जॉइंट्स की मोबिलिटी में सुधार होता है।
  • मसल पेन कम होता है।
  • ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है।

 

2. बिगिनर्स के लिए फ्लेक्सिबिलिटी वर्कआउट एक्सरसाइज़ेस क्या हैं?

शुरुआती लोगों के लिए कुछ अच्छी फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज़ेस हैं:

  • बैक स्ट्रेच 
  • बटरफ्लाई स्ट्रेच
  • स्टैंडिंग काफ़ स्ट्रेच 
  • हिप फ्लेक्सर स्ट्रेच
  • चेस्ट स्ट्रेच

 

संदर्भ

 

ToneOp Fit क्या है?

ToneOp Fit एक हेल्थ एवं फिटनेस एप है जो आपको आपके हेल्थ गोल्स के लिए एक्सपर्ट द्वारा बनाये गए हेल्थ प्लान्स प्रदान करता है। यहाँ 3 कोच सपोर्ट के साथ-साथ आप अनलिमिटेड एक्सपर्ट कंसल्टेशन भी प्राप्त कर सकते हैं। वेट लॉस, मेडिकल कंडीशन, डिटॉक्स  जैसे हेल्थ गोल्स के लिए डाइट, नेचुरोपैथी, वर्कआउट और योग प्लान्स की एक श्रृंखला के साथ, ऐप प्रीमियम स्वास्थ्य ट्रैकर, रेसिपी और स्वास्थ्य सम्बन्धी ब्लॉग भी प्रदान करता है। अनुकूलित आहार, फिटनेस, प्राकृतिक चिकित्सा और योग प्लान प्राप्त करें और ToneOp के साथ खुद को बदलें।

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Anvesha Chowdhury

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20-Aug-2024

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