फ़्लैक्सिबल बॉडी किसे नहीं चाहिए। हम सब चाहते हैं कि हमारा शरीर लचीला और फुर्तीला हो। जब शरीर फ्लेक्सिबल होता है तो हम हर काम करने में एक्टिव होते हैं। फ़्लैक्सिबिलिटी वर्कआउट एक्सरसाइज़ मांसपेशियों और जोडों की गति श्रंखला को बढ़ाने में मदद करती है। फ़्लैक्सिबिलिटी व्यायाम को निरंतर करने से गंभीर चोट का खतरा भी कम होता है। फिटनेस रुटीन में इन एक्सरसाइज़ेस को शामिल करने से आप बॉडी का पोश्चर, मांसपेशियों में संतुलन और अपनी एथ्लेटिक पर्फॉर्मेंस को विकसित कर सकते हैं। रेगुलर स्ट्रेचिंग करने से मांसपेशियों की सूजन में आराम मिलता है, रिकवरी तेज़ी से होती है और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने में सहायता मिलती है। यदि आप भी अपने शरीर को फ़्लैक्सिबल और एक्टिव बनाना चाहते हैं तो नीचे दी गई फ्लैक्सिबिलिटी वर्कआउट एक्सरसाइज़ेस को आज ही अपने वर्कआउट रूटीन में शामिल करें।
विषय सूची
- फ़्लैक्सिबिलिटी वर्कआउट के लिए सबसे अच्छे व्यायाम क्या हैं?
- फ़्लैक्सिबिलिटी ट्रेनिंग के उदाहरण क्या हैं
- निष्कर्ष
- सामान्य प्रश्न
- संदर्भ
फ़्लैक्सिबिलिटी वर्कआउट के लिए सबसे अच्छे व्यायाम क्या हैं?
बॉडी में फ़लैक्सिबिलिटी बढ़ाने के लिए निम्नलिखित व्यायामों को अपने रूटीन में शामिल करें
वॉर्मअप (Warm Up)
प्रतिदिन अपने वर्कआउट की शुरूआत 5-10 वॉर्मअप से करें। इसमें आप लाइट कार्डियो जैसे- जॉगिंग, जंपिंग जैक्स और ब्रिस्क वॉकिंग को शामिल कर सकते हैं।
डायनामिक स्ट्रेचिंग (Dynamic stretching)
डायनामिक स्ट्रेचिंग आप करीब 10 से 15 करें। इसमें आप निम्नलिखित व्यायाम कर सकते हैं-
- लेग स्विगं: फॉरवर्ड और साइड में- करीब 10 से 15 रेप प्रति पैर
- आर्म सर्कल्स: छोटे से बड़े सर्कल्स- 10 से 15 रेप हर दिशा में
- टोर्सो ट्विस्ट: 15 से 20 रेप
स्टेटिक स्ट्रेचिंग (Static stretching)
फ़्लैक्सिबल बॉडी के स्टेटिक स्ट्रेचिंग के निम्नलिखित प्रकार है।
वर्कआउट | व्यायाम | समय सीमा | फायदे |
वॉर्मअप | जॉगिंग, जंपिंग जैक्स और ब्रिस्क वॉक | 5-10 मिनट | हृदय की गति को बढ़ाता है, मांसपेशियों को गर्म करता है, रक्त प्रवाह में सुधार। |
डायनामिक स्ट्रेचिंग | लेग स्विंग (आगे और बगल में) | 10-15 रेप्स प्रति पैर | Improves range of motion, activates muscles |
आर्म सर्कल्स (छोटे से बड़े) | 10-15 रेप्स हर दिशा में | कंधों में लचीलापन लाता है, कंधों के जोड़ों को गर्म रखता है। | |
टोर्सो ट्विस्ट्स | 15-20 रेप | रीढ़ की हड्डी को ढीला करता है, घूर्णी लचीलापन सुधारता है। | |
स्टेटिक स्ट्रेचिंग | नेक स्ट्रेच (सिर को दोनों कंधों की ओर झुकाएं) | 20-30 सेकंड | गर्दन में तनाव कम करता है और लचीलापन बढ़ता है। |
शोल्डर स्ट्रेच | 20-30 सेकंड | कंधों में तनाव कम होता है और गतिशीलता आती है | |
ट्राइसेप्स स्ट्रेच | 20-30 सेकंड | हाथों की फ़्लैक्सिबिलिटी बढ़ | |
हेमस्ट्रिंग स्ट्रेच (सीटेड) | 20-30 सेकंड प्रति पैर | हेमस्ट्रिंग को लंबा करता है, फ़्लैक्सिबिलिटी में सुधार और पीठ दर्द से आराम | |
योग की मुद्राएं | अधोमुख श्वानासन | 2-3 मिनट | संपूर्ण शरीर को शक्ति देना और पोश्चर में सुधार |
चक्रवकासन | 2-3 मिनट | रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और तनाव मुक्त करता है। | |
बालासन | 2-3 मिनट | पीठ, हिप्स और जांघों को आराम और स्ट्रेच करता है। | |
भुजंगासन | 2-3 मिनट | रीढ़ की हड्डी को मज़बूती देना, पेट और चेस्ट को खींचता है। | |
कपोतासन | 2-3 मिनट प्रति ओर | लोअर बैक पेन से राहत |
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फ़्लैक्सिबिलिटी ट्रेनिंग के उदाहरण
फ़्लैक्सिबिलिटी ट्रेनिंग के लिए योग, स्टेटिक स्ट्रेचिंग और डायनामिक स्ट्रेचिंग करें।
योग
योग विभिन्न प्रकार के आसन और मुद्राओं से निर्मित प्रक्रिया है जिसमें शरीर को सही संतुलन, खिंचाव और शक्ति प्राप्त होती है। इसके प्रयोग से शरीर की मांसपेशियों को लोच और जोड़ों को गतिशीलता मिलती है। योग को निरंतर करने शरीर में बल की भावना में सुधार आता है। साथ ही किसी भी चोट का खतरा कम होता है। योग का एक उदाहरण: अधोमुख श्वानासन है।
योग के मूलभूत चार फ़ायदे हैं जैसे :
- हैमस्ट्रिंग को सही खिंचाव मिलता है।
- पिडलियों और कंधो को मजबूती मिलती है।
- हाथ और पैरों में शक्ति आती है।
- फ़लैक्सिबिलिटी और रक्त प्रवाह बढ़ता है।
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स्टेटिक स्ट्रेचिंग
स्टेटिक स्ट्रेचिंग में आप अपने शरीर को करीब 15 से 60 सेकंड तक खींच कर रखते हैं। यह स्ट्रेचिंग मांसपेशियों को लंबा करती है। साथ ही इससे मसल्स और कनेक्टिव टिशूज़ की गति में भी सुधार आता है। कई शोध के अनुसार स्टेटिक स्ट्रेचिंग से फ़्लैक्सिबिलिटी और मांसपेशियों की स्टिफंनेस में सुधार आता है। उदाहरण हेमस्ट्रिंग स्ट्रेच।
हेमस्ट्रिंग स्ट्रेच करने के लिए एक पैर मोड़कर और दूसरे पैर को फैला कर बैठ जाएं। अब फैलाए हुए पैर के अंगूठ को पकड़ने का प्रयास करें। कुछ देर इसी पोज़िशन में रहें और फिर यही प्रक्रिया दूसरे पैर के साथ दोहराएं। इससे आपके हेमस्ट्रिंग में खिंचाव आएगा और आपके पैरों और पीठ में लचीलापन आएगा।
डायनामिक स्ट्रेचिंग
डायनामिक स्ट्रेचिंग में शरीर की गति बढ़ाने के लिए नियंत्रित रूप से स्ट्रेचिंग करना शामिल है। डायनामिक स्ट्रेचिंग से मांसपेशियों में लोच, तापमान में बढ़ोतरी और उन्हें गहन शारीरिक गतिविधि करने में सहायता मिलती है। उदाहरण लेग स्विंग।
लेग स्विंग करने से हिप फ्लेक्सर्स, हेमस्ट्रिंग और ग्लूट्स की गति और फ़्लेक्सिबिलिटी में सुधार आता है। इसे करने के अपने पैर को आगे से पीछे झुलाएं और फिर पैरों साइडवाइस भी स्विंग करें। ऐसा करीब 10 से 15 बार हर दोनों पैरों के साथ करें।
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निष्कर्ष
फ़्लेक्सिबिलिटी वर्कआउट एक्सरसाइज़ संतुलित फिटनेस रूटीन के लिए महत्वपूर्ण है। यह मांसपेशियों और जोडों की गतिशीलता, चोट लगने से बचाव और एथलेटिक परफॉर्मेंस में सुधार लाता है। स्टेटिक, डायनामिक और यौगिक प्रेक्टिस से सभी मांसपेशियों के समूहों के पोश्चर को ठीक करने में सहायता होती है। फ़्लैक्सिबिलिटी ट्रेनिंग को रेगुलर करने से मांसपेशियों के तनाव से भी बचाव होता है। स्वस्थ मांसपेशियों के लिए फ़्लैक्सिबिलिटी वर्कआउट एक्सरसाइज़ को फिटनेस रूटीन का हिस्सा होना आवश्यक है।
सामान्य प्रश्न
Q1. फ़्लैक्सिबिलिटी स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ महत्वपूर्ण क्यों है?
फ़्लैक्सिबिलिटी स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ वर्कआउट के बाद होने वाले दर्द और सूजन से राहत देती है। इससे मांसपेशियों और ज्वाइंट्स को गति मिलती है। यह एक्सरसाइज़ेस वेलनेस, मांसपेशियों और रक्त प्रवाह के लिए महत्वपूर्ण हैं।
Q2. शुरूआती दिनों में क्या फ़्लैक्सिबिलिटी स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ेस करनी चाहिए?
शुरूआती दिनों में गर्दन, कंधों, हेमस्ट्रिंग, पिडलिओं और क्वाड्रिसेप्स पर फोकस करना चाहिए। इसके लिए निम्नलिखित एक्सरसाइज़ करें-
- नेक टिल्ट
- शोल्डर स्ट्रेच
- हेमस्ट्रिंग रीचेज़
- क्वाड्रिसेप पुल
- काफ़ प्रेस
संदर्भ
- The ideal stretching routine - Harvard Health
- How to improve your strength and flexibility - NHS (www.nhs.uk)
- CURRENT CONCEPTS IN MUSCLE STRETCHING FOR EXERCISE AND REHABILITATION - PMC (nih.gov)
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