पुरुषों के लिए पेल्विक मसल एकसरसाइज़ पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करती हैं, जो ब्लैडर नियंत्रण, सेक्शुअल फंक्शन और कोर स्थिरता में मदद करती हैं। पुरुषों के लिए इन पेल्विक व्यायामों को नियमित रूप से करने से कई लाभ हो सकते हैं, जिसमें बेहतर यूरिन कंसिस्टेंसी, बेहतर इरेक्टाइल फंक्शन और पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स के जोखिम को कम करना शामिल है।
इसके अलावा, पुरुषों के लिए ये पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज़ प्रोस्टेट सर्जरी के बाद रिकवरी में सहायता कर सकते हैं और क्रोनिक पेल्विक दर्द जैसी स्थितियों को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं। चलिए इस ब्लॉग में पुरुषों के पेल्विक हेल्थ को बेहतर करने के लिए ज़रूरी 6 पेल्विक मसल एक्सरसाइज़ को विस्तार से जानते हैं। साथ ही पेल्विक मसल के कमज़ोर होने के कारणों का पता लगाते हैं।
विषय सूची
1. पुरुष अपने पेल्विस को मज़बूत कैसे करें?
2. पुरुषों में पेल्विक मांसपेशियां क्या करती हैं?
3. पुुरुषों में कमज़ोर पेल्विक मसल का कारण क्या है?
4. विशेषज्ञ की सलाह
5. निष्कर्ष
6. सामान्य प्रश्न
7. संदर्भ
पुरुष अपने पेल्विस को मज़बूत कैसे करें?
यदि आप अपने पेल्विस को स्ट्रेंथ देना चाहते हें तो ये 6 एक्सरसाइज़ करना शुरू कर दें:
1. कीगल एक्सरसाइज़
कीगल एक्सरसाइज़ करने से आपका ब्लैडर कंट्रोल सुधरता है, प्रोस्टेट प्रॉबल्म्स कम होती हैं और सेक्शुअल परफॉर्मेंस बेहतर होती है। ये एक्सरसाइज़ प्रोस्टेट सर्जरी की रिकवरी में भी मदद करती हैं और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और प्रीमेच्योर इजेकुलेशन जैसी स्थितियों में मदद करती है। क्विक कॉन्ट्रेक्शन और स्लो होल्ड जैसे वैरिएशन अलग-अलग तरह के मसल फाइबर को लक्षित करते हैं।
इस एक्सरसाइज़ को करने के लिए पहला कदम आपके पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों का पता लगाना है, जो यूरिनेशन को बीच में रोकने की कोशिश करके किया जा सकता है। इन मांसपेशियों को 5 सेकंड के लिए कांटेक्ट करके रखें फिर 5 सेकंड के लिए रिलैक्स करें। इसे करीब तीन बार 10-15 के रिपीटीशन में करें।
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2. ब्रिज एक्सरसाइज़
ये एक्सरसाइज़ आफके ग्लूट, लोअर बैक और पेल्विक फ्लोर मसल को शक्ति देती है। इससे स्थिरता, बॉडी पोस्चर और लोअर बैक के दर्द में सुधार आता है। यह आपकी मसल्स को टोन करके और पेल्विक रीजन को फ्लेक्सिबिलिटी प्रदान करके आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है।
इस एक्सरसाइज़ को करने के लिए सीधे लेट जाएं अपने घुटनों को मोड़ें और पंजे को ज़मीन पर फ्लैट रखें। अपने दोनों हाथों को साइड में करें। अपने एब्डोमन की मसल्स को टाइट करें और ग्लूट को स्क्वीज़ करें। अपने हिप्स को सीलिंग की ओर उठाएं, अपने घुटनों से लेकर कंधों तक एक लाइन में रहेें। इस स्थिति में कुछ सेकंड तक रहें। अब अपने हिप्स को नीचे करें और शुरुआती पोज़ीशन में आ जाएं। इस प्रक्रिया को करीब 10-15 रिपीटीशन के 2-3 सेट्स में दोहराएं।
3. स्क्वॉट्स
यह एक्सरसाइज़ अक्सर क्वाड्रिसेप्स, हेमस्ट्रिंग, ग्लूट और पेल्विक फ्लोर मसल्स को लक्षित करती है। ये लोअर बॉडी स्ट्रेंथ को बढ़ाता है, संतुलन में सुधार करता है और मोबिलिटी को बूस्ट करता है। सूमो स्क्वॉट्स और जंप स्क्वॉट्स जेसे वैरिएशन कार्डियोवैस्कुलर चुनौतियों और मसल इंगेजमेंट को बढ़ाते हैं।
इसे करने के लिए अपने पैरों को कंधों की दूरी पर फैला कर खड़े हो जाएं। इसके बाद अपने कोर को इंगेज करें और छाती को ऊपर उठाएं। अपने घुटनों को सही से मोड़ कर अपने शरीर को नीचे झुकाएं जैसे कि आप कुर्सी पर बैठ रहे हों। तब तक नीचे झुकने की कोशिश करें जब तक आपकी जांघें ज़मीन के समानांतर नहीं हो जाती हैं। अपनी एड़ियों की मदद से अपने आप को ऊपर की ओर धकेलें और अपनी शुरुआती अवस्था में आ जाएं। करीब 10-15 रिपीटीशन के 2-3 सेट करें।
4. पेल्विक टिल्ट
पेल्विक टिल्ट आपके लोअर एब्डोमेन और पेल्विक फ्लोर मसल्स को स्ट्रेंथ देता है, शरीर का पोस्चर सुधारता है और लोअर बैक का दर्द कम करता है। ये एक्सरसाइज़ पुरुषों के ब्लैडर कंट्रोल में मदद करता है और लोअर बैक और हिप्स में फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाता है।
इसे करने के लिए सीधे लेट कर अपने घुटनों को मोड़ें और फीट को ज़मीन पर फ्लैट रखें। अपने हाथों को अपने हिप्स पर रखें। अपनी पीठ को सीधा रखें और अपने पेल्विस को रिब्स की ओर टिल्ट करें। 3-5 सेकंड तक रुकें फिर रिलैक्स करें और अपनी शुरुआती पोज़ीशन में आ जाएं। करीब 10-15 रिपीटीशन के 2-3 सेट करें।
5. लेग रेज़िज़
यह एक्सरसाइज़ आपके एब्डोमेन मसल्स, हिप फ्लैक्सर्स और पेल्विक फ्लोर को स्ट्रेंथ देती है। इससे आपकी कोर स्टेबिलिटी बढ़ती है, संतुलन सुधरता है और लोअर बैक का दर्द कम होता है।
इस एक्सरसाइज़ को करने के लिए सीधे लेट जाएं अपने पैर और हाथों को सीधा रखें। अपनी लोअर बैक को ज़मीन से प्रेस करके रखें। अपने दोनों पैरों को सीलिंग की ओर उठाएं। धीरे-धीरे पैरों को नीचे करें लेकिन ज़मीन को छुए बिना। इस एक्सरसाइज़ को 10-15 रिपीटीशन वाले 2-3 सेट में करें।
6. स्प्लिट टेबलटॉप
यह एक्सरसाइज़ आपके कोर, पेल्विक फ्लोर और इनर थाई की मांसपेशियों को लक्षित करती है। इससे आपकी कोर स्टेबिलिटी बढ़ती है, कोऑर्डिनेशन सुधरता है और पेल्विक फ्लोर मसल को स्ट्रेंथ देने में सपोर्ट मिलता है।
स्प्लिट टेबलटॉप करने के लिए सीधे लेट जाएं अपने घुटनों को मोड़ें टेबलटॉप पोज़ीशन में आपकी जांघें ज़मीन के परपेंडिकुलर होनी चाहिए। अपने हाथों को ज़मीन पर सपोर्ट के लिए रखें। अपने घुटनों को आराम से दूर करें। अब वापस अपने घुटनों को शुरुआती पोज़ीशन में ले आएं। इस एक्सरसाइज़ को 10-15 रैप्स के 2-3 सेट में करें।
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पुरुषों में पेल्विक मांसपेशियां क्या करती हैं?
पुरुषों के लिए पेल्विक मसल एक्सरसाइज़ के इन लाभों पर विचार करें जो मांसपेशियों के कार्यों को मजबूत करते हैं:
- सपोर्टिव पेल्विक ऑर्गन: ब्लैडर के फंक्शन और पोज़ीशन, इंटेस्टाइन और प्रोस्टेट को नियंत्रित करता है।
- यूरिनरी कंट्रोल: यूरिन के रिलीज़ को नियंत्रित करता है और लीकेज को रोकता है।
- मलीय निरंतरता: बाउल मूवमेंट को कंट्रोल करता है।
- सेक्शुअल फंक्शन: इरेक्शन और इजेकुलेशन प्राप्त और मेंटेन करने में मदद करता है।
- कोर स्टेबिलिटी: कोर को स्थिर करने के लिए पेट और पीठ की मांसपेशियों के साथ काम करता है।
- प्रेशर नियंत्रण: वज़न उठाने जैसी गतिविधियों के दौरान पेट के दबाव को सहारा देने के लिए कॉन्ट्रेक्ट करें।
पुरुषों में कमज़ोर पेल्विक मसल का कारण क्या है?
कमज़ोर पेल्विक मसल के कई कारण हो सकते हैं जैसे:
कारण | प्रभाव | पेल्विक मसल पर पड़ने वाला प्रभाव |
एजिंग | बढ़ती उम्र के साथ प्राकृतिक रूप से मांसपेशियों का कमजोर होना और लचीलापन कम होना शुरू हो जाता है।
| इससे पेल्विक क्षेत्र में मांसपेशियों की ताकत और लचीलापन कम हो जाता है।
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प्रोस्टेट सर्जरी | प्रोस्टेटक्टोमी जैसी प्रक्रियाएं पेल्विक मसल्स और नर्व्स को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
| इसके परिणामस्वरूप पेल्विक मसल्स कमज़ोर हो सकती हैं और नर्व फंक्शन खराब हो सकता है, जिससे मांसपेशियों पर नियंत्रण प्रभावित हो सकता है। |
लंबे समय की खासी | क्रोनिक ब्रोंकाइटिस जैसी स्थितियां समय के साथ पेल्विक मांसपेशियों में खिंचाव पैदा कर सकती हैं। | लगातार खांसी से पेल्विक मसल्स पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे धीरे-धीरे कमज़ोरी आने लगती है। |
ओबेसिटी | अधिक वज़न बढ़ने के कारण पेल्विक मसल्स पर दबाव बढ़ता है, जिससे पेल्विक मसल्स कमज़ोर हो जाती हैं। | अतिरिक्त वज़न पेल्विक मसल्स पर दबाव डालता है, जिससे वे कमजोर हो जाती हैं।
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हैवी लिफ्टिंग | लगातार या गलत वज़न उठाने से स्ट्रेन हो जाता है और पेल्विक मसल्स कमज़ोर होने लगती हैं। | वज़न उठाने से होने वाले अत्यधिक परिश्रम से मांसपेशियों में खिंचाव हो सकता है और इसके बाद पेल्विक मसल्स कमजोर हो सकती हैं। |
कब्ज़ | मल त्याग के दौरान लगातार तनाव से पेल्विक मांसपेशियों को नुकसान हो सकता है। | नियमित तनाव से पेल्विक मसल्स पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे डैमेज होता है और वे कमजोर हो जाती हैं।
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सीडेंट्री लाइफस्टाइल रूटीन | नियमित रूप से पर्याप्त व्यायाम की कमी से मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं।
| निष्क्रियता के परिणामस्वरूप मसल एट्रोफी होता है, जिससे पेल्विक मसल्स की ताकत और फंक्शन कम हो जाते हैं। |
नर्व डैमेज | डायबिटीज या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर जैसी स्थिति में नर्व फंक्शन प्रभावित हो सकता है, जिससे पेल्विक मसल्स कमज़ोर हो सकती हैं। | बिगड़ा हुआ नर्व फंक्शन मसल्स के नियंत्रण और ताकत को बाधित करता है, जिससे पेल्विक मसल्स कमज़ोर हो जाती हैं।
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पेल्विक इंजरी | पेल्विक क्षेत्र में होने वाला आघात या चोट मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और ताकत कम कर सकती है। | सीधी चोट पेल्विक मांसपेशियों को तुरंत नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे उनकी स्ट्रेंथ कम हो जाती है। |
सर्जिकल या मेडिकल कंडीशन | पेल्विक क्षेत्र को प्रभावित करने वाली कुछ सर्जरी या मेडिकल कंडीशन मांसपेशियों में कमज़ोरी का कारण बन सकती हैं। | मेडिकल कंडीशन मांसपेशियों की अखंडता से समझौता कर सकती हैं, जिससे मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। |
विशेषज्ञ की सलाह
एक आहार विशेषज्ञ के रूप में, मैं पुरुषों को बेहतर पेल्विक स्वास्थ्य के लिए अपनी दिनचर्या में पेल्विक मसल्स की एक्सरसाइज़ेस को शामिल करने की सलाह देती हूं। संतुलित आहार के साथ-साथ, कीगल्स और स्क्वॉट्स जैसी एक्सरसाइज़ मांसपेशियों की ताकत, यूरिन नियंत्रण और सैक्शुअल फंक्शन में सुधार करते हैं, जिससे पूरे स्वास्थ्य में सुधार होता है।
हेल्थ एक्सपर्ट
अदिति उपाध्याय
निष्कर्ष
कीगल्स, ब्रिज और स्क्वॉट्स जैसी पेल्विक मसल एक्सरसाइज़ पुरुषों के पेल्विक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। नियमित रूप से इन एक्सरसाइज़ को करने से पेल्विक ऑर्गन्स को सहारा देने वाली मांसपेशियां मजबूत होती हैं, ब्लैडर और बाउल नियंत्रण में सुधार होता है, सेक्शुल फंक्शन में वृद्धि होती है और कोर स्थिरता में योगदान होता है। निरंतरता और उचित तकनीक कल्याण और जीवन की गुणवत्ता में बेहतरीन सुधार ला सकती है।
सामान्य प्रश्न
1. पेल्विक मसल एक्सरसाइज़ कितनी बार करनी चाहिए?
कीगल जैसी पेल्विक मसल एक्सरसाइज़ को करीब 10-15 रिपीटीशन के 2-3 सेट में करना चाहिए।
2. पेल्विक मसल एक्सरसाइज़ से लगभग कितने समय में परिणाम नज़र आने लगते हैं?
बहुत से पुरुष ब्लैडर कंट्रोल में सुधार और पेल्विक मसल में स्ट्रेंथ कम से कम 4-6 सप्ताह में देख सकते हैं।
3. क्या पेल्विक एक्सरसाइज़ इरेक्टाइल डिसफंक्शन में मदद करती हैं?
हां, पेल्विक मसल एक्सरसाइज़ ब्लड फ्लो को बढ़ाकर और इरेक्शन में शामिल मांसपेशियों को मजबूत करके इरेक्टाइल फंक्शन में सुधार कर सकती हैं।
संदर्भ
- Pelvic floor muscle exercise and training for coping with urinary incontinence - PMC (nih.gov)
- Pelvic Floor Exercises for Everyone (Yes, Everyone) (healthline.com)
- Pelvic Floor Muscle (Kegel) Exercises for Males | Memorial Sloan Kettering Cancer Center (mskcc.org)
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